Sunday, 18 December 2011

<< मेरा मेरा >>




<<  मेरा मेरा  >>


मेरा मेरा करके बन्देतूनें आयू समस्त गुज़ारी
प्रभु भक्ति व् जन की सेवाकदापि  ह्रदय धारी

उलझा माया जाल में इतना, मूल गया तू भूल
भुला के सच्चे साईं को, रहा मोह ममता में झूल

संयोगवश हैं पाये तूनेंयह बहन भाई सन्बन्धी
साथ तेरा  देगा कोईटूटी जब श्वासों की सँधी

टूटे किसी घड़े से जैसेरहे रिसता टिप टिप पाणी
वैसे ही श्वासों की पूँजीजाये घटती हर पल प्राणी

व्यर्थ गवा  समय "जीत"तूँसत्य मार्ग अपनाले
श्वास आगामी आये  आयेमहिमां प्रभु की गा ले

हो सुचेत कर आत्ममंथनदिव्य ज्योत तू पाएगा
सफ़ल व् खुश्मय जीवन होगाअंत पर्मपद पाएगा 


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